देवात्मा हिमालय मंदिर विश्व की एक अनूठी स्थापना है, जो अन्यत्र कहीं नहीं है। यहाँ चारों धाम, पंच प्रयाग व गंगा- यमुना की पावन धाराओं के मनोरम दर्शन होते हैं।
हिमालय विश्व की आध्यात्मिक ऊर्जा का केन्द्र है, जहाँ ऋषियों की संसद सनातन काल से तप कर रही है। अध्यात्म पथ के साधकों के सहज आकर्षण का केन्द्र है 'हिमालय'। पूज्य गुरुदेव का मानना है कि अध्यात्मपथ के हर पथिक को इसका ध्यान करना चाहिए, उससे उसे दिव्य शक्तियों का पोषण मिलता है। उन्होंने शान्तिकुञ्ज में देवात्मा हिमालय की स्थापना करते हुए उसका ध्यान करने का अवसर साधकों को सहजता से मिले, ऐसी व्यवस्था की है।
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