व्यक्तित्व निर्माण युवा शिविर

प्रशिक्षक टोली आचार सहिंता

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(1) टोली में सम्मिलित सभी सदस्यों से आत्मीयता बनाकर रखना।

(2) कार्यक्रम में जाने से पहले टोली के सभी सदस्यों को सूचित करना एवं उनके निर्धारित स्थान पर पहुँचने की जानकारी प्राप्त करना।

(3) आयोजन स्थल में सभी साथ- साथ ही ठहरें। टोलीनायक अपने लिए अलग व्यवस्था की माँग न करें।

(4) आवास, भोजन में कोई असुविधा हो रही हो तो आयोजक को बुलाकर विनम्रता एवं आग्रहपूर्वक अपनी सुविधा को सामने रखें।

(5) पहुँचते ही कार्यक्रम की पूर्ण जानकारी ले लेवें एवं आवश्यकता महसूस होने पर संशोधन कर लेवें।

(6) आपके अनुकूल आवास, भोजन व शिविर की व्यवस्था न होने पर आप आयोजकों पर आक्रोश व्यक्त न करें, बल्कि उन्हें उत्साहित करते हुए व्यवस्थित करने में सहयोग प्रदान करें।

(7) टोली के सदस्य एक दूसरे के लिए सम्मान की दृष्टि रखें एवं किन्हीं परिजनों द्वारा टोली के किसी सदस्य के बारे में पूछे जाने पर उनके गुणों का ही उल्लेख करें एवं उसे अपना सक्रिय सहयोगी के रूप में प्रस्तुत करें।

(8) टोलीनायक टोली के सदस्यों को सतत उत्साहित करते रहें।

(9) टोली के किसी सदस्य को जन समूह द्वारा सम्मान दिये जाने पर अन्य सदस्य भी प्रसन्नता एवं खुशी व्यक्त करें।

(10) कार्यक्रम की सफलता का श्रेय टोली के सभी सदस्यों को देना चाहिए, टोलीनायक स्वयं श्रेय लेने से बचें।

(11) कार्यक्रम कितनी भी प्रभावी क्यों न हो आयोजक अथवा उपस्थित परिजनों पर वास्तविक प्रभाव टोली के सदस्यों के आचरण, व्यवहार एवं दिनचर्या के आधार पर पड़ता है।

(12) कार्यक्रम स्थल में समय से 5 मिनट पूर्व पहुँच जायें एवं निर्धारित समय में कार्यक्रम प्रारम्भ कर देवें।

(13) मंचीय कार्यक्रम के अतिरिक्त उपस्थित लोगों से मिलने जुलने का क्रम अवश्य बनायें, इससे आत्मीयता विकसित होती है एवं टोली की गहरी छाप पड़ती है।

(14) शिविर में उपस्थित सक्रिय/उत्साहित कार्यकर्ताओं के नाम, मोबाइल नं. आदि नोट कर लेवें।

(15) शिविरार्थियों अथवा किसी सदस्य द्वारा आयोजकों की शिकायत करने पर उन्हें धैर्यपूर्वक चुन लें एवं आयोजन से संबंधित बातें होने पर मुख्य
आयोजक से चर्चा कर लेवें और यदि शिकायत स्थायी व्यवस्था संबंधी हो तो विनम्रतापूर्वक अपनी असमर्थता व्यक्त कर देवें।

(16) किसी भी स्थिति में व्यवस्थापक/आयोजक के खिलाफ टोली के कोई भी सदस्य मंच अथवा नीचे में कोई टिप्पणी न करें।

(17) किसी दर्शनीय स्थल पर जाने की स्थिति में टोलीनायक सभी सदस्यों को साथ लेकर जायें अकेला नहीं।

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