किसी प्रकार का हो बीमार, लेकर निम्र रसाहार। पाये स्वास्थ्य का द्वार, बढ़ाये तन मन की शक्ति अपार अंगअंग में हो नित्य नूतन स्वास्थ्य संचार॥
कब्ज - सारे रोगों की जननी है। इसमें सब्जी तथा फलों को मूल रूप में खायें।
गाजर, पालक, टमाटर, आंवला, लौकी, ककड़ी, ६ घंटे पूर्व भीगा हुआ
किशमिश, मुनक्का,अंजीर, गेहूंपौध, करेला, पपीता, संतरा,
आलू, नाशपाती, सेव तथा बिल्व का रस लें।
अजीर्ण अपचन- भोजन के आधे घंटे पहले आधी चम्मच अदरक का रस।
अनानास, ककड़ी, संतरा, गाजर, चुकन्दर का रस।
उल्टी व मिचली- नींबू, अनार, अनानास, टमाटर ,,
संतरा, गाजर, चुकन्दर का रस।
एसीडिटी- पत्ता गोभी+गाजर का रस, ककड़ी, लौकी, सेव, मौसम्मी,
तरबूज, पेठे का रस, चित्तीदार केला, आलू, पपीता।
एक्यूट एसीडीटी- ठंडा दूध, गाजर रस।
व गैस्ट्राइटिस
बार- बार दस्त आना- बिल्व फल का रस, लौकी, ककड़ी, गाजर का रस डेढ़ चम्मच
ईसबगोल की भुस्सी, छाछ ईसबगोल की भुस्सी।
पीलिया - करेला, संतरा, मौसम्मी, गन्ना, अनानास, चकोतरा का रस,
पपीता, कच्ची हल्दी, शहद, मूली के पत्ते,
पालक तथा मूली का रस।
मधुमेह (शुगर)- जामुन, टमाटर, करेला, बिल्वपत्र, नीम के पत्ते,
गाजर पालक टमाटर, पत्ता गोभी का रस।
पथरी- सेव, मूली व पालक, गाजर, इमली, टमाटर
का रस लें। फल एवं सब्जियों के नन्हें बीज न लें।
गुर्दे के रोग- तरबूज, फालसा, करेला, ककड़ी, लौकी, चुकन्दर, गाजर,
अनानास, अंगूरादि खट्टे फलों का रस, इमली, टमाटर।
गले का रोग- गर्मपानी, गर्मपानी एक नींबू शहद, अनानास,
गाजर चुकन्दर पालक, अमरूद प्याज लहसुन का रस।
खांसी- गर्म पानी, एक नींबू रस शहद, गाजर रस,
लहसुन, अदरक, प्याज, तुलसी का रस मात्र ५० सी.सी. लें।
अनिद्रा- सेव, अमरूद, लौकी, आलू,
गाजर पालक, सलाद के पत्ते, प्याज का रस।
मुंहासे- गाजर पालक, आलू गाजर चुकन्दर अंगूर, पालक टमाटर, ककड़ी का रस।
रक्तहीनता- पालकादि पत्ते वाली सब्जियों, टमाटर, आंवला, रिजका,
चुकन्दर, दूर्वा, पत्ता गोभी, करेला, अंगूर,
खुरबानी, भीगा किशमिश, मुन्नका का रस।
मुंह के छाले- चौलाई, पत्तागोभी, पालक, टमाटर,
ककड़ी व गाजर का रस।
उच्च रक्तचाप प्याज, ककड़ी, टमाटर, संतरा, लौकी, सोयाबीन का दही, गाय की छाछ, गाजर व मौसम्मी का रस।
वजन वृद्धि हेतु- अनानास, पपीता, केला, दूध, संतरा, आम आदि अधिक कैलोरी वाले मीठे फलों का रस।
वजन कम करने हेतु- तरबूज, ककड़ी, लौकी, पालक, पेठा, टमाटर, खीरा आदि कम कैलोरी वाली सब्जियों का रस।