० किसी एकांत स्थान पर बैठ जाइये या लेट जाइये। आराम की स्थिति में आने का प्रयास कीजिये। एक गहरी श्वांस लेकर धीरे- धीरे आंखें बंद कीजिए, कुछ देर श्वांस रोकें। फिर धीरे- धीरे श्वांस छोड़ते हुए शरीर को शिथिल होता अनुभव कीजिए। यह प्रक्रिया शांति पूर्ण ढंग से 5 -- 6 बार दोहराएं।
० शरीर को पूर्णतः शांत रखें, फिर एक- एक अंग में तनाव उत्पन्न कर उसे शिथिल छोड़ते चलें। पूरे शरीर को तनाव में लाकर एकदम से शिथिल कर दें। ऐसा करीब 4 -- 5 बार करें।
० अनुभव करें कि मांसपेशियों
और स्नायु तंत्र का तनाव समाप्त होकर शिथिलता आ रही है। आप
सामान्य अनुभव कर रहे हैं। उत्साह और शांति, पैरों के अंगूठों से प्रविष्ट होकर, क्रमशः समस्त अंगों में व्याप्त होते हुए अब मस्तिष्क की ओर बढ़ रही है। आपमें सहन शक्ति का विकास हुआ है और मनोबल भी वापस लौट रहा है, बढ़ रहा है।
० भावना करें कि धीरे- धीरे शरीर के अंगों से तनाव निकलते जा रहा है। हृदय की धड़कन सामान्य है, फेफड़े सामान्य ढंग से कार्य कर रहे हैं। आपके इस अभ्यास से आपका मस्तिष्क भी शांत हो रहा है।
इस प्रक्रिया को पूरी इच्छा और लगन से करें। इसे निपटाने की
जल्दबाजी ना करें, तो लगभग 15 मिनट में आराम मिलेगा। यह प्रक्रिया
बस या ट्रेन में बैठकर भी की जा सकती है।