स्काउट गाइड का इतिहास सेना में ‘स्काउट’ शब्द का अर्थ होता है ‘गुप्तचर’। आज भी सेना में स्काउट होते हैं। स्काउटिंग को सेना के सीमित क्षेत्र से खींचकर जनसाधारण के बालक- बालिकाओं तक लाने का एक मात्र श्रेय लार्ड बेडेन पावेल को है। जिन्हें बाद में बी.पी. के नाम से भी सम्बोधित किया जाने लगा था। लार्ड पावेल जिनका पूरा नाम राबर्ट स्टिफेन्सन स्मिथ बेडेन पावेल था, का जन्म 22 फरवरी, 1857 को लन्दन में रेवरेण्ड प्रोफेसर हरबर्ट जार्ज बेडेन पावेल के घर हुआ था। बी.पी. अभी तीन वर्ष के ही थे कि इनके पिता का स्वर्गवास हो गया। इनकी माताश्री श्रीमती हेनरेटा ग्रेस स्मिथ ने अत्यंत कुशलता एवं साहस से परिवार की देखभाल की। सन् 1900 में दक्षिण अफ्रीका में ‘बोर युद्ध’ के समय इन्हें छोटे- छोटे बालकों की असीम शक्ति, अदम्य साहस, कर्तव्यपरायणता, कार्यनिष्ठा आदि गुणों का परिचय मिला। इससे लार्ड पावेल को विश्वास हो गया कि बालक युद्ध एवं शान्तिकाल, दोनों में, संसार को कितना लाभ पहुँचा सकते हैं। बालकों में छिपी असीम शक्ति और उनके प्रति अपने विश्वास को रचनात्मक रुप देने के लिए बी.पी. ने सन् 1907 में ‘ब्राउन सी’ नामक टापू पर