देवियो, भाइयो! आपने केवल अपने बेटे के लिए कमाया है, भले ही वह दो कौड़ी का हो। आपने केवल उसी के लिए जीना सीखा है। मित्रो, हमारा जीवन किस काम के लिए खर्च हो गया ?? केवल मुट्ठी भर पत्थरों के लिए! हमने कभी भी सोचा नहीं कि हमें किस प्रकार जीना चाहिए। तो गुरुजी हमारी कमाई का क्या होगा? आपकी कमाई बेटे को मिलने वाली है, साले को मिलने वाली है, जमाई को मिलने वाली है। आपने अपनी बीबी को तबाह कर डाला। अरे आप चाहते, तो उसको ऊँचा उठा सकते थे। भगवान् ने आपको मनुष्य का शरीर दिया था। जिस दिन उसने आपको बनाया था, उसके लम्बे- लम्बे ख्वाब थे, उम्मीदें थीं। आपने सब पर पानी फेर दिया।
मित्रो! भगवान् बहुत ज्यादा थक गया है। उसकी इच्छा है कि हमारे प्रिय बेटे मनुष्य, यदि इस दुनिया को सुन्दर बनाते, तो मजा आ जाता। भगवान् को सहभागी और सहयोगी की आवश्यकता थी। इसलिए भगवान् ने आपको बनाया था। उसने आपको अपने नक्शे के अनुसार बड़ी मेहनत से बनाया था। भगवान् के पास गीली मिट्टी थी। उसने कुम्हार के तरीके से उस मिट्टी को इस प्रकार लम्बा कर दिया कि साँप बन गया। गोल- मटोल कर दिया तो कछुआ बन गया,