देवियो, भाइयो! यह प्रज्ञावतार के अवतरण का समय है। ये बीस वर्ष बड़े ही महत्त्वपूर्ण हैं ।। इन बीस वर्षों में घोर परिवर्तन की तैयारियाँ महाकाल ने कर ली हैं। ये बीस वर्ष भगवान् के द्वारा गलाई एवं ढलाई के हैं। दुनिया इसे याद करेगी कि ऐसा कौन- सा समय आया जिसमें इतने महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हो गए। इसमें आप देखेंगे कि पुराने जमाने की अवांछनीयताएँ समाप्त हो जाएँगी तथा नये जमाने की सुखद संभावनाएँ लोगों को दिखायी पड़ने लगेंगी। मनुष्य का सुख- शान्ति के साथ जीवन जीना संभव हो सकेगा। हमने इस बात को युगशक्ति गायत्री में, अखण्ड ज्योति में छाप दिया है। इस समय हर धर्मवेत्ता तथा हर महान भविष्यवक्ता ने एक स्वर से इस बात को स्वीकार किया है कि अगले बीस वर्ष बड़े ही उथल- पुथल के होंगे।
इस समय अपनी पृथ्वी के संतुलन को ठीक करने के लिए भगवान् ने अवतार लेने का निश्चय किया है। ये चौबीसवाँ अवतार अन्तिम अवतार होगा। चौबीस अक्षर गायत्री मंत्र के होते हैं। यह प्रज्ञावतार ही गायत्री का अवतार होगा, जो इस शतक के अंत तक अपना काम पूरा कर लेगा और नया युग लाएगा। इसकी तैयारियाँ हो चुकी हैं। ये जो भविष्यवाणियाँ हैं, इन्हें आप मखौल न मानें। ये शब्द