मित्रो, हममें से प्रत्येक परिजन को कुछ मान्यताएँ अपने मन में गहराई तक उतार लेनी चाहिए । एक यह कि जिस समय में हम और आप जीवित रह रहे हैं, वह एक विशेष समय है । यह युग परिवर्तन की वेला है, इसमें युग बदल रहा है । जिस तरह प्रातःकाल का समय विशेष महत्त्वपूर्ण समय होता है । इसमें हर आदमी सामान्य काम न करके विशेष काम करता है । अध्ययन से लेकर भजन तक के उच्चस्तरीय कार्य इसमें किए जाते हैं, क्योंकि प्रातःकालीन समय अत्यधिक महत्त्वपूर्ण माना जाता है । यह समय भी इसी तरह का है । यह संध्याकाल है, इसमें युग बदल रहा है । इस विशेष संध्याकाल को हमें विशेष कर्त्तव्यों के लिए सुरक्षित रखना चाहिए । हममें से प्रत्येक साधक को यह मानकर चलना चाहिए कि हमारा व्यक्तित्व विशेष है । हमको भगवान ने किसी विशेष काम के लिए भेजा है । कीड़े-मकोड़े और दूसरे सामान्य तरह के प्राणी पेट भरने के लिए और औलाद पैदा करने के लिए पैदा होते हैं । मनुष्यों में से भी बहुत नर-पामर और कीटक हैं जिनके जीवन का कोई लेखा-जोखा नहीं । पेट भरने और औलाद पैदा करने के अलावा दूसरा कोई काम वे न कर सकें ।