देवियो, भाइयो ! जमीन के भीतर वेशकीमती चीजें भरी पड़ी हैं । इसमें हीरा है, सोना है, कोयला है, लोहा है और न जाने क्या-क्या भरा पड़ा है । जमीन की खुदाई करने पर हम इसमें तेल देखते हैं और दूसरी कीमती चीजें देखते हैं, पर बाहर हम सारी जमीन पर तलाश करते चले आते हैं तो सिवाय घास-पात के, कूड़े-कचरे के कुछ भी दिखाई नहीं पड़ता । हीरा कहीं दिखाई नहीं पड़ता, सोना जमीन पर कहीं फैला हुआ नहीं पाया जाता । हमें वेशकीमती चीजें पाने के लिए जमीन की गहरी खुदाई करनी पड़ती है । ठीक इसी तरह जब हमने अपने भीतर में, अपने गरेबान में मुँह डाला तो हमें बड़ी कीमती चीजें दिखाई पड़ी । मैं चाहता हूँ कि आप लोगों को यहाँ बुलाकर अपनी वही मनःस्थिति आपके सामने दिल खोल करके दिखा पाता तो आप भी मेरी तरह धन्य हो जाते ।