देवियो, भाइयो! अब हमारा जीवन एक नया मोड़ लेकर आया है। इतनी लंबी जिंदगी हमने अपने मित्रों से, भाइयों से, कुटुम्बियों से, भतीजों से, बच्चों से मिल जुलकर साथ- साथ में व्यतीत की है। ऐसा नहीं हुआ कि हम कभी अकेले रहे हों। रात को भी सोते रहे हैं, तो आप लोगों का चिंतन बराबर करते रहे हैं। समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का ख्याल करते रहे हैं। जनता के साथ हम बराबर रहे हैं। हमने अब अपने जीवन में एक नया मोड़ दिया है। नया मोड़ क्या है? अब आपके और हमारे मिलने- जुलने का क्रम बंद हो जाएगा। अब आप यह उम्मीद करें कि आप हमसे बात करेंगे, हमारी बात सुनेंगे, कठिनाइयों की अथवा जिज्ञासाओं की कोई बात हमारे सामने रखेंगे और हम उनका समाधान करेंगे। नहीं, अब यह संभव नहीं हो सकेगा। हमने अपना एक नया कार्यक्रम बना लिया है।
मित्रो, हमारे गुरु ने जो आदेश भेजा, उसी के आधार पर ही हमारा सारा- का जीवनक्रम चला है। अब तक की जिंदगी को हमने अपनी मर्जी से व्यतीत नहीं किया है। अपने कार्यक्रम स्वयं नहीं बनाये हैं। हमारे मास्टर, हमारे गुरु जिस ढंग से हमसे जो कराते हैं, हम करते हैं। इसी तरीके से हमारी सारी जिंदगी की