चलो करें स्वागत आरती सजा लो- कि दीप जला लो ।।
कि नया युग चला आ रहा
है॥
भरत- राम जैसा, भाई में प्यार होगा ।।
लखन- राम जैसा, भाई का साथ होगा।
राम- राज्य धरती पर, फिर से बसा
लो,दुनिया को दिखा
दो॥
बिन दहेज के यहाँ, बहनों का ब्याह होगा।
सुख- शान्ति होगी, अमन चैन होगा।
कदम से हमारे, कदम तो मिला लो, आवाज लगा
लो॥
रूढ़ियाँ टूटेंगी, विवेक जाग जायेगा।
भेद मिट जायेगा, धर्म जाग जायेगा।
जाग उठो भैया, अपनों को जगा लो,
सोतों को उठा
लो॥
एक नेक इन्सां, हम सबको बना लेंगे।
एक नयी दुनियाँ, हम फिर से बसा लेंगे।
सब मिल कंधे से, कंधा तो मिला लो, मशाल उठा
लो॥