सद्गुरु हमको सहारा दीजिए।
हम शरण आये हैं कृपा कीजिए॥
आप तो प्रभु! स्वयं ईश्वर रूप हैं।
बेसहारों को सहारा दीजिए॥
मार्ग है कण्टक भरा संसार का।
हम न भटकें मार्गदर्शन दीजिए॥
विमल श्रद्धा- भक्ति जागृत हो प्रभो!
दीप अन्तर का जला अब दीजिए॥
साधना पथ पर सतत् बढ़तें रहें।
सद्गुरू ऐसी कृपा कर दीजिए॥
मुक्तक-
कृपा सिन्धु गुरु आप हैं, अगम सिन्धु संसार।
कृपादृष्टि प्रभु कीजिए, हों भवसागर पार॥