आई दीवाली आई दीवाली-
देखो आई दीवाली आई दीवाली।
दीपक सी निष्ठा की करना रखवाली-
आई दीवाली॥
धन साधन सभी लोग, लक्ष्मी से पायेंगे।
सद्विवेक सन्तुलन, गणपति सिखलायेंगे॥
धन का हो सदुपयोग, फैले खुशहाली॥
सम्पत्ति से जनहित के, दीपक सजायेंगे।
सद्विवेक पाकर सब, ज्योतित हो जायेंगे॥
मिट जाये अन्धियारा, फैले उजियाली॥
नरकासुर गन्दगी को, घर से निकाल दो।
आलस को दूरकर, उमंगे उछाल दो॥
फूले फले खुशियों से, जीवन की डाली॥
मन में ना स्वार्थ रहे, तन से पुरुषार्थ हो।
तन- मन से धन से नित, पावन परमार्थ हो॥
सबमें उल्लास रहे, कोई नहीं खाली॥