कृष्ण गोविन्द गोपाल गाते चलो।
मन को विषयों के विष से हटाते चलो॥
कृष्ण योगेश हैं, सत्य भूलो नहीं।
सब सुयोगी बनो, यों कुयोगी नहीं॥
श्रेष्ठ पथ पर स्वयं को बढ़ाते चलो॥
नाम जपते रहो, काम करते रहो।
पाप की वासनाओं से डरते रहो॥
खुद उठो दूसरों को उठाते चलो॥
दुःख में टूटो नहीं, सुख में फूलो नहीं।
अपना रिश्ता है प्रभु से ये भूलो नहीं॥
प्रेम विश्वास को दृढ़ बनाते चलो॥