नन्हे बच्चों आने वाले कल, की तुम तस्वीर हो।
नाज़ करेगी दुनियाँ तुम पर, दुनियाँ की तकदीर हो॥
तुम हो जिस कुटिया के दीपक,जग में उजाला कर दोगे।
भोली भाली मुस्कानों से, सबकी झोली भर दोगे।
बिगड़ी जो तकदीर बदल दे, ऐसी तुम तस्वीर हो॥
नाम न लेना रोने का, रोतों को हँसाने आये हो।
नही रूठना किसी से तुम, रूठों को मनाने आये हो।
हँसते चलो जमाने में तुम, चलता हुआ एक तीर हो।।
एक दिन होंगे जमीं आसमाँ, चाँद सितारे हाथों में।
एक दिन होगी बागडोर, इस जग की तुम्हारे हाथों में।
तोड़ सके ना दुश्मन जिसको, ऐसी तुम जंजीर हो॥
मुक्तक-
बच्चों तुम भविष्य भारत के, कीमत अपनी पहचानो।
अपना कर निर्माण राष्ट्रहित में, कुछ करने की ठानो॥