किनारा ढूँढ़ता है तू
किनारा ढूँढ़ता है तू, किसी का खुद किनारा बन।
सहारा ढूँढ़ता है तू, किसी का खुद सहारा बन॥
निखरता क्या परखता क्या, दुःखों को जो स्वयं झेले।
वही है आदमी जो कष्ट से, संघर्ष से खेले॥
सहे जो कष्ट औरों के, पिये गम से भरे प्याले।
उन्हें राहत दिला कुछ, और उनके घाव सहलाले॥
भुला दे दर्द अपना, दूसरों की पीर के सम्मुख।
सभी को बाँटकर ममता, जगत का प्राण प्यारा बन॥
गया पथ भूल तो क्या बात है, थककर बैठना कैसा?
थके यदि पाँव तो क्या बात है? पथ से रूठना कैसा?
वहाँ भी ढूँढ़ ऐसे पग, फटी जिनकी बिवाई हो।
वहाँ भी ढूँढ़ ऐसे पग, दिशा जिनने गवाई हो॥
जहाँ हो और जैसे भी रहे, कर बात औरों की।
किसी को राह ने दिखलाई, गगन का वह सितारा बन॥
दुनियाँ को मरने से बचाने के लिए संगीत ही सबसे बड़ा संरक्षण हो सकता है। मार्टिगंलूथर का यह कथन भी प्रख्यात है कि मनुष्य जाति को भगवान द्वारा दिये गये सबसे भव्य वरदानों में से एक संगीत भी है।
-विश्व विख्यात संगीत मर्मज्ञ -पाब्लोकासाल्स