�किसी दिन देख लेना
किसी दिन देख लेना, तुझको ऐसी नींद आयेगी।
तू सोया फिर न जागेगा, तुझे दुनियाँ जगायेगी॥
तुझे संसार के खूंटे से, जिसने बाँध रक्खा है।
तेरे सोते ही वो ममता की, रस्सी टूट जायेगी॥
तेरे घरवाले जिस सूरत से इतना प्यार करते हैं।
यही सूरत उन्हें फिर भूत बनकर के डरायेगी॥
तेरी हस्ती को जिस दुनियाँ ने पस्ती में गिराया है।
वही बेकदर दुनियाँ तुझे झुककर उठायेगी॥
तू आँखें फेरेगा तो दुनियाँ भी मुँह फेर जायेगी।
जो आँखों पर बिठाती थी वही आँखें दिखायेगी॥
जो कहते थे मरेंगे साथ उनका मोह मत करना।
तेरा दम टूटते ही उनकी तिकड़म टूट जायेगी॥
जिन्हें समझा है तुमने साथ अपने वो भी लौटेगें।
तेरी नेकी बदी ही अंत में तेरे साथ जायेगी॥
वेदमंत्रों के गान की संज्ञा ‘साम’ है। न केवल मंत्र पाठ को ही ‘साम’ माना जा सकता है, और न सिर्फ गाने को ही, बल्कि इन दोनों के मिश्रण को ही ‘साम’ कहा गया है।