प्रभु से साझेदारी कर लो
युगऋषि का कहना है, धर ध्यान सभी सुनलो।
प्रभु स्वयं बुलाता है, साझेदारी कर लो॥
जो जागृत आत्मा हैं, उन सबको कहना है।
यह अवसर मत चूकों, निज भाग्य तय करलो॥
मानव संकट में है, मानवता विकल हुई।
मानवता- मानवता संग, सहयोग जरा करलो॥
जिसने प्रतिभा बाँटी, वह स्वयं माँगता है।
कुछ समयदान देकर, यश से झोली भरलो॥
धन साधन जो भी है, सब तो प्रभु के ही हैं।
प्रभु का प्रभु को अर्पित, कुछ अंशदान करलो॥
सौभाग्य मूल शुभ यह, संकल्प नहीं भूले।
रख ज्ञान पात्र घर में, सौभाग्य अचल करलो॥
सद्संत रूप है यह, शुभ मार्ग दिखायेगा।
युगधर्म निभा करके, सुख से झोली भरलो॥
रख स्वयं इसे घर में, स्वजनों को प्रेरित कर।
मन भावन पुण्यों से, जीवन अपना भरलो॥
गायन में शरीर, मन व आत्मा तीनों को बलवान बनाने वाले तत्त्व परिपूर्ण मात्रा में विद्यमान हैं।