गीत माला भाग ८

दीपयज्ञ की दीप ज्योति सा

<<   |   <   | |   >   |   >>
दीपयज्ञ की दीप ज्योति सा
दीपयज्ञ की दीप ज्योति सा, जीवन को चमकाओ।
पंक्तिबद्ध दीपों सा जीवन में, अनुशासन लाओ॥
हर दीपक की एक कहानी, सतत मौन हो जलना।
बूंद- बूंद ही तेज मिले, उसको पीकर ही पलना॥
उस पर भी देना प्रकाश यह,क्रम तुम भी अपनाओ॥
लेना कम, देना ज्यादा है, रीति देवताओं की।
बननी चाहिए यह नीति, हम बहनों भ्राताओं की॥
देने में आनन्द बहुत है, यह विश्वास जगाओ॥
दीप मिटाते अन्धकार, हम सब अज्ञान मिटायें।
यह भी मन का अन्धकार है, इसे मेट सुख पायें॥
मन का भवन ज्ञान के मणि, मुक्ताओं से चमकाओ॥
<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:







Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118