यदि स्वर्ग है कहीं पर
यदि स्वर्ग है कहीं पर, तो यहीं है और यहीं है।
जीवन का शान्ति और सुख,कहीं है तो बस यहीं है॥
मन्दिर कहो या मस्जि़द, गुरुद्वारा या कि गिरिजा।
चारों ये घर प्रभु के, चाहे जिधर तू गिरजा॥
कायम है जिसपे दुनिया, ओ शक्ति एक ही है॥
मुफलिस यहाँ न कोई, ना अमीर ही है कोई।
एक दर के सब भिखारी, नफरत किसी में कोई॥
करती है सबकी रक्षा, माता महामयी है॥
जहाँ सन्त के हों दर्शन, जहाँ भजन और प्रवचन।
उसी ओर पर जमा दे, बन्दे तू अपना आसन॥
जिसकी तलाश तुझको, वो रब यहीं कहीं है॥