गीत माला भाग १२

ये नरतन जो तुमको मिला है

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ये नरतन जो तुमको मिला है

ये नरतन जो तुमको मिला है।
ये गँवाने के काबिल नहीं है॥

तेरा हर स्वाँस अनमोल मोती,
ये लुटाने के काबिल नहीं है॥

देखो ईश्वर की अद्भूत है माया।
तेरी खातिर ही सब कुछ बनाया॥

ऐसे ईश्वर को तूने भुलाया,
जो भुलाने के काबिल नहीं है॥

पशु जीते जी सेवा कमाते।
मरने के बाद भी काम आते॥

तेरा जिस्म मरकर किसी के,
काम आने के काबिल नहीं है॥

तू तो विषयों में लिपटा है ऐसा।
खर्च करता है जिनपे तू पैसा।।

मिला बिनमोल अनमोल सत्संग,
जिसमें जाने के काबिल नहीं है।।

मौज मारे और निन्दा कमावे।
पाप करते नहीं शर्म आवे।।

तेरी रसना तो प्यारे प्रभु के,
गीत गाने के काबिल नहीं है॥

अब ना सम्भला तो रोना पड़ेगा।
नर्क में गर्क होना पड़ेगा॥

तेरा ऐसा बुरा हाल होगा,
वो बताने के काबिल नहीं है॥
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