लागी है लगन माता
लागी है लगन माता, एक तेरे नाम की।
तेरे ही नाम की माँ, तेरे ही काम की॥
लागी है लगन माता, बस तेरे नाम की॥
मन ने पग- पग पर जग में, धोखा ही खाया।
तेरी करुणा बिन माता, चैन नहीं पाया॥
सिर पर हो हाथ तुम्हारा, चिन्ता किस काम की॥
चरणों में बैठे बिन माँ, भाव नहीं जागता।
तेरी महिमा बिन मन का, मोह नहीं भागता॥
तू है जगदम्बा माता, सुधि ले सन्तान की॥
माया में भटके मन को, माँ अब तो तार दो।
प्यासा है जनम- जनम से, थोड़ा सा प्यार दो॥
मन को सुधि भूली मैया, सुबह और शाम की॥
निर्मल कर दो माँ मन को, सबको सद्ज्ञान दो।
निष्ठा की ज्योति जगा दो, श्रद्धा का दान दो॥
आस तो लगी माँ तेरे, शान्तिकुञ्ज धाम की॥