गँवाओ व्यर्थ मत होता
गँवाओ व्यर्थ मत होता, समय अनमोल है साथी॥
इसे सोकर गुजारो मत, इसे रोकर गुजारो मत।
दुःखों से आँसुओं से, जिन्दगी धोकर गुजारो मत॥
लड़े, संघर्ष से जो काट दे, दुःख से भरी रातें।
उसी की आँकती दुनियाँ, सदा ही मोल है साथी॥
बढ़े जाओ कटीली राह पर, मंजिल बुलाती है।
जगाती आज तुमको लो, नये युग की प्रभाती है॥
समय के साथ चलने में, सदा ही सार्थकता है।
धरा के श्रेष्ठ पुरुषों के, यही तो बोल है साथी॥