गीत माला भाग ४

गुरु चरणों को नमन

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गुरु चरणों को नमन
गुरु चरणों को नमन करें हम, गुरुसत्ता सुखधाम है।
गुरु चरणों से जीवन गति को, मिलती दिशा ललाम है॥
गुरु के चरण दिखाते राहें, भटकावों के बीच में।
गुरु के चरण बनाते राहें, अटकावों के बीच में॥
गुरु के चरण न लेने देते, क्षण भर भी विश्राम है॥
गुरु चरणों की शक्ति मिले तो, हर ठोकर बल देती है।
गुरु चरणों की शक्ति शूल के, पथ पर भी चल लेती है॥
गुरु के चरण शक्तियों का ही, अरे! अनूठा नाम है॥
चलने में लड़खड़ा रहे जो, उनमें शक्ति जगायें हम।
बढ़ने में हिचकिचा रहे जो, हिम्मत उन्हें दिलायें हम॥
गुरु के चरण प्रेरणा देते, रुकने का क्या काम है॥
गुरु चरणों में ऐसी गति है, प्रगति सिखाती रहती है।
और वही उज्ज्वल भविष्य की, ओर बढा़ती रहती है॥
गुरु के चरण सफलताओं का, उद्घोषित पैगाम है॥
जिन्हें मिला गुरु चरणों का बल, अरे! काल की गति मोड़ी।
गुरु चरणों में थिरका करती, शक्ति और शिव की जोड़ी॥
गुरु चरणों में महाकाल की, गतियों का आयाम है॥
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