करो संकल्प कुछ बढ़कर
करो संकल्प कुछ बढ़कर, घड़ी वह आज आई है।
मुबारक जन्म दिन तुमको, बधाई है बधाई है॥
बधाई है कि तुमने स्वार्थ, सुख को व्यर्थ समझा है।
बधाई है कि तुमने जिन्दगी का अर्थ समझा है॥
लगे तुम मानने परमार्थ ही, सच्ची कमाई है॥
बधाई है कि छोड़े तुम, दुर्गुणों बुराई वाला।
बधाई है कि पहनी आज, सद्गुणों की सुमन माला॥
सुरभि सत्कर्म की आचरण में अब समाई है॥
बधाई है कि भूले ईर्ष्या और द्वेष जीवन के।
बधाई है हृदय में प्यार घुँघरू मधुर समझ के॥
बदलता है मनुज ही बात यह जग को सिखाई है॥
बधाई है कि तुमने व्रत लिया है लोक मंगल का।
बधाई है कि समझा मूल्य जीवन के हर इक पल का॥
करो शुभ लक्ष्य जीवन का दुवा हमने मनाई है॥
अनाहत नाद के रूप में अलौकिक संगीत का एक दिव्य प्रवाह समूची सृष्टि में सतत् संचरित होता रहता है।
- माता भगवती देवी शर्मा