कीमत हमने बहुत चुकाई
कीमत हमने बहुत चुकाई, आजादी तब हमने पाई।
माताओं ने लाल दिये हैं, माँ चरणों में डाल दिये हैं।
बहिनों ने दे डाले हैं भाई॥
त्याग पत्नियों का है भारी, पति से अधिक वस्तु क्या प्यारी।
आजादी पर वही चढ़ाई॥
तरुणाई फाँसी पर झूली, बुढ़ों ने भी चूमी शूली।
बच्चों ने भी गोली खाई॥
जाति धर्म का भेद नहीं था, क्यों गुलाम हैं खेद नहीं था।
सबने मिलकर की फर्ज अदाई॥
भेद भाव की बात चलाकर, आपस में नफरत फैलाकर।
क्यों आपस में करे लड़ाई॥
अब अखण्डता और एकता, सबका ही हो एक देवता।
भारत माँ है हम सब भाई॥