जगत में चिन्ता मिटी है
जगत में चिन्ता मिटी है उनकी,
जो तेरे चरणों में आ चुके हैं।
वही हमेशा हरे भरे हैं,
जो तेरे चरणों में आ चुके हैं।।
न पाया राजा वजीर बनकर,
न पाया तुमको फकीर बनकर।
उन्हीं को दर्शन हुए हैं तेरे,
जो तेरे चरणों में आ चुके हैं॥
न पाया तुझको किसी ने बल से,
न पाया तुझको किसी ने छल से।
वही परम पद को पा गये हैं,
जो तेरे चरणों आ चुके हैं॥
किसी ने जग में करी भलाई,
किसी ने जग में करी बुराई।
वही सुमारग पे चल पड़े हैं,
जो तेरे चरणों में आ चुके हैं॥
प्रभु जी विनति सुनो हमारी,
बनाओ बिगड़ी दशा हमारी।
निराश्रितों के हो आसरा तुम,
तुम्हारे चरणों में आ चुके हैं॥