गीत माला भाग ६

जय- जय मंगलकारी

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जय- जय मंगलकारी
गायत्री माँ...३ बार- - बोलो गायत्री माँ..।
जय- जय मंगलकारी, माँ विधाता गायत्री।
तेरी महिमा माता है, प्यारी- प्यारी, माँ गायत्री।।
तेरी लीला सबसे न्यारी- न्यारी, माँ गायत्री॥
हमने देखा यही लगा सारे, जग में बड़ा है दगा ही दगा।
मन में सोचा तो यही लगा फिर, यहाँ पर तेरा कोई न सगा॥
हम तुझ पर जायें बारी- बारी, माँ गायत्री......॥
गायत्री परिवार से हमारा, दुनियाँ में सच्चा नाता ही नाता।
गुरुवर के चरणों में हमारा, हरदम शीश है झुका ही झुका॥
माँ हंस पर तेरी सवारी- सवारी, माँ गायत्री......॥
गंगा ले आई नये युग का, देख के असुर भागा ही भागा।
ऋषिवर मुनिवर उतारे आरती, जग में सतयुग छाया ही छाया॥
यह भारत की शान बढ़ाई- बढ़ाई, माँ गायत्री......॥
संगीत में क्रूर हृदय को भी कोमल बनाने वाला जादू भरा पड़ा है। -जेम्स वाटसन

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