तुम हमारे थे दयानिधि
तुम हमारे थे दयानिधि, तुम हमारे हो।
तुम हमारे ही रहोगे, हे परम गुरुदेव।।
हम तुम्हारे थे कृपानिधि, हम तुम्हारे हैं।
हम तुम्हारे ही रहेंगे, हे परम गुरुदेव॥
बोलो गुरुवर तुम्हें छोड़कर, किसका गहें सहारा।
इस स्वारथ से भरे जगत में, इक विश्वास तुम्हारा।
अब तो अपना बोध करा दो, हे परम गुरुदेव॥
दुनियाँ छूटे तुम ना छूटो, जोड़ो ऐसा नाता।
तुम ही ब्रह्मा, विष्णु महेश्वर, तुम ही भाग्य विधाता।
अपने अनुशासन में ढालो, हमको हे गुरुदेव॥
तुमको सौंपे अपना आपा, सीख तुम्हारी माने।
चलें तुम्हारे अनुशासन में, जीवन पथ पहचानें।
ज्ञान- भक्ति का, कर्मयोग का, रस दे दो गुरुदेव॥
वेदमूर्ति तुम तपोनिष्ठ तुम, तुम हो ऋषि अवतारी।
बनें तुम्हारे अनुयायी हम, शक्ति झोंक दें सारी॥
बलिदानी वीरों के जैसा, हमें गढ़ो गुरुदेव॥