नाम है तेरा माँ गायत्री
नाम है तेरा माँ गायत्री, कब तेरा दर्शन होगा।
कलयुग जागे वेदमंत्र से, नया युग निर्माण होगा॥
तुमने तारे लाखों प्राणी, ये गुरुदेव की वाणी है।
तेरी मूरत पर है माता, ये दुनियाँ दीवानी है॥
गायत्री मंत्र मुख से बोलो, सृष्टि में मंगल होगा॥
ऋषिवर मुनिवर जिनकी शरण में, निशिदिन शीश झुकाते हैं।
जो गाते गायत्री चालीसा, वो सब कुछ पा जाते हैं॥
अपने कर्ज मिटाने तेरे, चरणों में वन्दन होगा॥
तेरे निर्मल दर्शन तो ये, अखियाँ हर दम प्यासी है।
जीवन में है घोर अँधेरा, अन्तर में उदासी है॥
तेरी करुणा की किरणों के, सारा जहाँ रोशन होगा॥
मन की मुरादें लेकर माता, तेरे दर पर आये हैं।
तुझ चरणों में अर्पण करने, भौतिक मन हम लाये हैं॥
भव से पार उतरने तेरे, गीतों का गुंजन होगा॥
ताल मूलन्ति गेयानि, ताले सर्व प्रतिष्ठितम्।
ताल हीनानि गेयानि, मंत्र हीना यथाहुति।।
(संगीत समयसार)