प्रेम से जपलो प्रभु का नाम
प्रेम से जपलो प्रभु का नाम, लगन से करो उसी का काम॥
बोलो राम राम, बोलो श्याम श्याम॥
निज सुख औरों तक पहुँचाये, सदा पराई पीर बँटाये।
ऐसे नर भू- देव कहाते, स्वर्ग इसी जीवन में पाते।
अपनाते यह नियम वही जो, होते पूरन काम॥
जन- जन में विवेक उमगावें, घर- घर जाकर अलख जगावें।
जग में जीवन ज्योति जलायें, धन्य बनें और धन्य बनावें।
लगन जगे ऐसी इस पथ पर बढ़े चलें अविराम॥
नहीं किसी को कभी सतायें, खिलें खिलायें बढ़ें बढ़ायें।
व्रत पालें संयम भी साधें, सब को एक सूत्र में बाँधें।
चले साधना ऐसी तो यह, जगत बने सुखधाम॥