आत्मीय परिजन,
आशा है, आप सभी परम पूज्य गुरुदेव एवं परम वंदनीया माताजी के सूक्ष्म संरक्षण में सकुशल होंगे ।।
आसुरी प्रवृत्तियों पर विजय पाने एवं नये उल्लास के साथ स्नेह -सौजन्य की मधुरता का वातावरण बनाने वाला फाल्गुन- पूर्णिमा पर्व आ पहुँचा है ।। इस पावन अवसर पर आप सबको अनेकानेक बधाइयाँ मनोकामनाएँ ।।
पर्व एवं त्यौहार किसी भी राष्ट्र की जीवनी शक्ति के परिचायक होते हैं ।। इसी क्रम में होली का त्यौहार आनन्दोत्सव एवं हर्षोत्सव के पर्व के रूप में सर्वोपरि है ।।
स्वस्थ एवं ईर्ष्या- द्वेष से मुक्त व्यक्तिगत जीवन, समता, एकता एवं भाईचारे से युक्त सामाजिक व्यवस्था और आनन्द एवं उल्लास से भरा- पूरा जन- जीवन सदैव बना रहे, यही इसका मूल प्रयोजन है ।। इस पावन अवसर पर यदि हम संकल्पित होकर अपने सभी द्वेष- दुर्भाव एवं बेर-वैमनस्य को यज्ञाग्नि में होकर सभी सम्पर्क में आये परिजनों के बीच प्रेम- आत्मीयता का विस्तार करते चलें, तो हमारा पूर्ण विश्वास है कि ऋषि युग्म के अनुदान- वरदान का प्रवाह हमारे लिए सहज हो जायेगा और हम सबके लौकिक एवं पारलौकिक जीवन के उत्तरोत्तर विकास में यह सहायक सिद्ध होगा ।।
इस होलिका पर्व के आगमन पर हमारी स्नेहपूर्ण शुभकामनाएँ एवं सूक्ष्म गुरुसत्ता के शुभाशीर्वाद ग्रहण करें ।।
आपका भाई आपकी बहिन
( डॉ० प्रणव पण्ड्या ) (शैलबाला पण्ड्या)