ग्लोबल गाँव की अवधारणा

ग्राम तीर्थ योजना का उद्देश्य है- ग्रामोत्थान, ग्रामसेवा, ग्रामविकास। इस प्रखर साधना वर्ष में इस प्रचलन के लिए घोर प्रयत्न किया जाए और उस परिश्रम को ही ग्रामदेवता की पूजा माना जाए। यह तीर्थ स्थापना हुई, जिसे स्थानीय निवासी और बाहर के सेवाभावी साधक मिल-जुलकर पूरा कर सकते हैं।

साधना वर्ष का सन्देश यही है कि ग्रामे-ग्रामे गृहे-गृहे जने-जने मूर्च्छना को जाग्रति में बदला जाए। नवजागरण के इस पुण्य प्रभाव में ग्रामीण अंचल के धर्म बिन्दु को उपेक्षित नहीं छोड़ा जा सकता। मैले कपड़े धोए जा सकते हैं-टूटी वस्तुओं की मरम्मत हो सकती है, रोगी को स्वस्थ बनाया जा सकता है- तो कोई कारण नहीं कि तीर्थचेतना को निहित स्वार्थों एवं अन्ध-विश्वासों से मुक्त कराकर उसे गाँव-गाँव तक अपने पूर्व रूप में न पहुँचाया जा सके।


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