युग निर्माण योजना द्वारा अपने ज्ञानयज्ञ के माध्यम से संपर्क रखने वालों से यह प्रार्थना की गई है कि लोगों को अपने समय का एक अंश और अपने धन का एक अंश निकालना चाहिए। उसे इस बात के लिए खरच करना चाहिए कि लोगों के विचार करने का क्रम किस तरीके से बदला जाए सुधारा जाए। समयदान, अंशदान की यह आवश्यक शर्त लगाई गई है। प्रयत्न यह किया गया है कि इस संगठन से प्यार रखने वाला हर सदस्य उसकी सदस्यता शुल्क के रूप में एक घण्टे का समय दिया करे और कम से कम एक रुपया दिया करे। एक रुपया कोई बड़ी रकम नहीं होती है। गरीब से गरीब और अमीर से अमीर आदमी के लिए कुछ मुश्किल नहीं है, अगर उसके मन में इसकी महत्ता समा जाए तब। अगर महत्ता समाई नहीं तो एक कानी कौड़ी भी भारी मालूम पड़ती है।