अपने ब्राह्मण एवं सन्त को जिन्दा कीजिए

देवियो! भाइयो!!

         आप में से अधिकांश व्यक्ति सोच रहे होंगे कि मैं यहाँ था, परन्तु व्याख्यान क्यों नहीं दिया? विशेष कारणवश व्याख्यान न दे सका। बेटे! मैं अपने जीवन भर प्रयोग करता रहा हूँ। कौन- कौन से प्रयोग किये हैं?
        पहले ब्राह्मण बनने का प्रयोग किया कि ब्राह्मणत्व के क्या- क्या चमत्कार हो सकते हैं? मैंने उसे अपने जीवन में धारण करके देखा है और पाया है कि इसमें सफलताएँ भी हैं तथा चमत्कार भी हैं। ब्राह्मण जीवन किसे कहते हैं? किफायतसारी जीवन को कहते हैं। ब्राह्मण उसे कहते हैं जो अपना खर्च कम से कम में चला सकता हो तथा अधिक से अधिक अपना धन, अक्ल, मेहनत, समाज में लगा सकता है, जिससे उसके जीवन का लक्ष्य, समाज का लक्ष्य पूरा होता हो। जिस आदमी के पास कुछ बचता ही नहीं है, वह समाज को क्या देगा?
 

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