हम ईमान सिखाते हैं
देवियो, भाइयो ! पिछले दिनों मैं वहाँ गया - केन्या ।। नैरोबी (केन्या) में एक लड़की रहती है- विद्या ।। उसने कांगो का एक तोता पाल रखा था ।। तोता जो था, वह ऐसा बढ़िया साफ- साफ गायत्री मंत्र बोलता था ।। मैंने उसको कैसेट में टेप कर लिया और कहा कि जब हिंदुस्तान जाऊँगा तो लोगों को बताऊँगा कि एक सुग्गा इतना सही गायत्री मंत्र बोलता है। टेप के बिना तो मेरी बात पर कोई विश्वास नहीं करेगा ।। इसीलिए मैं टेप करके लाया ।। जब मैं वहाँ ठहरा था तो देखा कि सुबह- सवेरे चार बजे कौन इतना साफ गायत्री मंत्र बार- बार बोलता है? यह चक्कर क्या है? मैं बहुत देर तक देखता रहा, लेकिन समझ में नहीं आया ।। फिर मैंने उस लड़की से पूछा कि यह गायत्री मंत्र कौन बोलता है? वह बोली- "गुरुजी! कांगो एक देश है, जहाँ के सुग्गे बड़े- बड़े होते हैं और वे मनुष्य की आवाज को ठीक तरीके से याद कर लेते हैं ।। उस तोते ने भी गायत्री मंत्र याद कर रखा था ।। अच्छा महाराज जी! वह कितनी बार गायत्री मंत्र बोलता होगा? बेटे ! वह सौ बार या एक सौ आठ बार तो बोलता ही होगा ।। तो क्या उसकी मुक्ति हो जाएगी? आपके ख्याल से तो हो भी सकती है, पर मेरे ख्याल से नहीं होगी ; क्योंकि उसके भीतर कोई चिंतन नहीं है ; कोई दृष्टि नहीं है ; कोई आस्था नहीं हैं ; कोई विश्वास नहीं है ।। केवल शब्दों को ही रिपीट करता रहता है ।।
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