माँ शारदे वर दे हमें, तेरे चरण का प्यार दे।
भवबन्ध के तूफान से, माता तू हमको तार दे॥
हंसासिनी, पद्मासिनी, हे वीणावादिनि शारदे।
शुभ वस्त्र धारिणि माँ हमें, वरदान दे माँ शारदे॥
माँ काट दे अज्ञान को, उर में तेरा ही प्रकाश हो।
हर हृदय में ध्यान तेरा, मान दे सम्मान दे॥
हे सरस्वती माँ तेरे बालक, विनति करें कर जोड़ के।
दीजे हमें सद्बुद्धि माता, आज अपने द्वार से॥
मुक्तक-
आओ सरस्वती माँ के, चरणों में नमन करें।
हंसवाहिनी के वाहन के, गुण को वरण करें॥
मन को निर्मल बना, बनाएँ मन्दिर माता का।
करें श्रेष्ठ चिन्तन, जीवन में सद् आचरण करें॥