जय- जय आद्यशक्ति जय शंकर,
जय श्रद्धा- विश्वास पूज्यवर॥
आज विश्व यह हुआ दुखारी, असुर नाचते भीषण भारी।
ताल कुबुद्धि, कुकर्म दे रहे, दुष्ट सुखी हैं सन्त रो रहे॥
जागो दुर्गा हे प्रलयंकर, जय- जय आद्यशक्ति जय शंकर॥
अब है शिव ताण्डव की बारी, करें लोकहित यह तैयारी।
आद्यशक्ति युग शक्ति प्रकट हों, दूर विश्व के सब संकट हों॥
हो अवतरण तुम्हारा घर- घर, जय- जय आद्यशक्ति जय शंकर॥
त्यागें हीन अशिव को जन- जन, शिव संकल्प करें सबके मन।
दिव्य प्रेरणा दिव्य दृष्टि दो, रचें- रचायें नयी सृष्टि को॥
कृपा करो अब हे! विश्वम्भर, जय- जय आद्यशक्ति जय शंकर॥
शिव विचार शिव कर्म भावना, शिव हों सब संकल्प कामना।
शिवमय सभी वर्ग जुड़ जायें, बनें एक युग शक्ति कहायें॥
बने विश्व फिर सत्, शिव, सुन्दर, जय- जय आद्यशक्ति जय शंकर॥
मुक्तक-
ताण्डव नृत्य करो प्रलयंकर, आद्यशक्ति के संग आओ।
दुर्गुण सबके दूर हटाकर, शुद्ध भावना विकसाओ॥