गीत माला भाग ८

देव पुरुष आया तब

<<   |   <   | |   >   |   >>
देव पुरुष आया तब
देव पुरुष आया तब हमने, हँसकर की अगुवाई।
कार्य पूर्ण कर कह सकते हैं, हमने प्रीति निभाई॥
पुष्पाञ्जलि सच्ची हम सब की तभी कहीं जायेगी।
सेवा की खुशबू जब सबके, कर्मों से आयेगी॥
लोग कहें जन जागृति की महक कहाँ से आई॥
ऐसे ही जो अर्ध्य चढ़े वह, जल हो ममता वाला।
हर प्यासे के मुख तक पहुँचे, प्रेमामृत का प्याला॥
जब- जब प्रेम बढ़ा धरती पर, घृणा सिमटती पायी॥
आज समय वह जब धरती से दुश्चिंतन मिटता है।
और सतोगुण से यह सारा भू- मण्डल पटता है॥
युग परिवर्तन हेतु तभी तो, ज्योति अखण्ड जलाई॥
हम सब उनके शिष्य उन्हीं की दृष्टि श्रेष्ठ हम पायें।
उनकी युग निर्माण योजना वसुधा पर फैलाये॥
जग मानेगा हमने सच्ची श्रद्धाञ्जलि चढ़ाई॥
<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:







Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118