माँ गायत्री रही पुकार
माँ गायत्री रही पुकार, जागो भारत की नारी।
जागो भारत की नारी- जागो भारत की नारी॥
तुमने ध्रुव- प्रहलाद बनाये, तुमने रामकृष्ण उपजाये।
इस धरती पर स्वर्ग उतारो, जागो भारत की नारी॥
रोती- संस्कृति की सीता, भूली रामायण गीता।
घर- घर बहे प्रेम की धार, जागो भारत की नारी॥
दानव दहेज का आया, नारी समाज को खाया।
सहोगी कब तक अत्याचार, जागो भारत की नारी॥
मत गन्दे गाने गाओ, मत गहनों को अपनाओ।
त्यागो फैशन का संसार, जागो भारत की नारी॥
मत बाल- विवाह रचाओ, तुम परदा प्रथा मिटाओ।
ले- लो शान्तिकुञ्ज का प्यार, जागो भारत की नारी॥
तुम विद्या पढ़ो- पढ़ाओ, घर- आँगन स्वर्ग बनाओ।
हो उत्तम आचार विचार, जागो भारत की नारी॥
तुम घर- घर हवन कराओ, माँ की आरती सजाओ।
कहता गायत्री परिवार, जागो भारत की नारी॥