यह परीक्षा की घड़ी है
यह परीक्षा की घड़ी है अब न चूको।
सामने विपदा खड़ी है अब न चूको॥
इस समय जो चूक जायेगा वही कल,
ग्लानि पश्चाताप में जलता रहेगा।
और सब जब अग्रगामी बन चुकेंगे,
वह पिछड़कर हाथ ही मलता रहेगा॥
इस घड़ी में कौन साहस कर सकेगा?
यह समस्या ही बड़ी है अब न चूको॥
मीन हैं हम उस सरोवर की कि जिसका,
नीर तेजी से विषैला हो रहा है।
जब कि सारा गाँव धू- धू जल रहा है,
कौन है जो नींद गहरी सो रहा है॥
अब नहीं उद्धार होगा यदि किसी को,
सिर्फ अपनी ही पड़ी है अब न चूको॥
सत्य की तो जीत होनी है सुनिश्चित,
श्रेय पर तुमको मिलेगा पग बढ़ाओ॥
रात जब इतनी अधिक गहरा गई हो,
सूर्य तब निश्चित उगेगा शक न लाओ॥
जोड़ लो संकल्प को संवेदना से,
जो सफलता की कड़ी है अब न चूको॥
कृष्ण का उपदेश अर्जुन को मिला है।
अब तुम्हें पुरुषार्थ फिर करना पड़ेगा॥
सिर उठाया है बहुत दुष्वृत्तियों ने।
उन सबों से आज फिर लड़ना पड़ेगा॥
बढ़ चलो बस आज निर्णायक घड़ी है,
यह लड़ाई आखिरी है अब न चूको॥