गीत माला भाग १४

समय से कदम मिलाओ

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समय से कदम मिलाओ

समय से कदम मिलाओ साथी, अब न अधिक अलसाओ साथी।

बीत गई आलस की बातें, फिर कैसी प्रमाद की बातें।
इनको दूर भगाओ साथी, अब न अधिक अलसाओ साथी॥

सूरज ने संकल्प किया है, किरणों को आवाज दिया है।
सूरज संग हो जाओ साथी, अब न अधिक अलसाओ साथी॥

अब तम का अस्तित्व मिटेगा, अंधकार का जाल कटेगा।
तम से मत घबराओ साथी, अब न अधिक अलसाओ साथी॥

नव प्रभात की बेला आई, चमकेगी अब घर अँगनाई।
चलो प्रभाती गाओ साथी, अब न अधिक अलसाओ साथी॥

सूरज के साथी हो जाओ, तुम यश के भागी बन जाओ।
युग को अर्ध्य चढ़ाओ साथी, अब न अधिक अलसाओ साथी॥

युग परिवर्तन तो निश्चित है, किसी दिव्य सत्ता का व्रत है।
चाहो तो यश पाओ साथी, अब न अधिक अलसाओ साथी॥

घरेलू कुत्ते संगीत को ध्यानपूर्वक सुनते और प्रसन्नता व्यक्त करते हैं। कांगो देश में चिम्पाजी तथा गुरिल्ला वनमानुष संगीत के प्रति सहज आकर्षित होते हैं।
- (जार्ज हवेस्टे)

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