हे प्रभु हम सबसे प्रेम करें
हे प्रभु हम सबसे प्रेम करें, सब सच्चे मन से प्रेम करें॥
सबमें तेरा दर्शन पायें, भेदभाव को दूर हटायें।
मानव मात्र एक हो जायें, गिरतों को हम पुनः हटायें॥
हम अपनी कथनी करनी को एक करें॥
नारी सब दैवी कहलायें, अबला नहीं बनें सबलायें।
स्वस्थ श्रेष्ठ परिवार बनायें, जिसे देख सुर भी ललचायें॥
स्वर्ग छोड़ चल पड़े देव नर देह धरे॥
जन्म जहाँ पर हमने पाया, अन्न जहाँ का हमने खाया।
ज्ञान जहाँ से हमने पाया, तन पर जिसका वस्त्र सजाया॥
भारत की गरिमा के हित बलिदान करें॥