गुरु चरण में जब
गुरु चरण में जब मेरा मन होगा।
तब ही सफल मेरा जीवन होगा॥
बचपन बीता खेल में, जवानी में तू फूला रे।
माया का गुलाम बना, राम को तू भूला रे॥
आयेगा बुढ़ापा नहीं सुमिरन होगा॥
यह तन का नहीं कोई भी ठिकाना रे।
आज नहीं तो कल सबको है जाना रे॥
यह तन चिता का, जलावन होगा॥
प्रेम से पुकार करो हरि को अपना लो रे।
गुरु जी को अपने हृदय में बसालो रे॥
लगन बिना नहीं दर्शन होगा॥