1. समाधी स्थल तथा यज्ञ शाला पर जाएं
2.गायत्री माता मंदिर , भटका हुआ देवता और सप्त ऋषि मंदिर पर जाएँ
एक भटका हुआ देवता, देवताओं (आध्यात्मिक तीर्थस्थल) के दिव्य आध्यात्मिक निवासों की यात्रा आध्यात्मिक जीवन शैली का एक महत्वपूर्ण अंग है। गायत्री माता का मंदिर प्रेरणा का स्रोत है, और, आप एक अद्वितीय मंदिर "भटका हुआ देवता" देखेंगे - जो उसकी वास्तविक पहचान को समझने में मदद करता है। गायत्री माता मंदिर के पास सात प्राचीन ऋषि मंदिरों की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। उनका सूक्ष्म रूप इन मूर्तियों में रहता है और लगातार दिव्य आध्यात्मिक ऊर्जा और संरक्षण प्रदान करता है। आपको उन सभी को देखना चाहिए और यहां काम से काम 15-20 मिनट रुकना चाहिए।3.अखंड दीपक दर्शन क लिए जाएँ
वर्ष 1926 से परमात्मा का एक दिव्य अनन्त प्रकाश (अखण्ड ज्योति) प्रकाशित हो रहा है। हर रोज 5:30 से 9:00 पूर्वाह्न के बीच यह दर्शन क लिए खुला रहता है, 12:00 अपराह्न से 4:30 अपराह्न समाधी स्थल के साथ-साथ इस स्थल की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। गुरुदेव ने कहा कि वह अखण्ड दीपक की उपस्थिति में सभी प्रेरणा लेतें हैं।4.देवतमा (दिव्य) हिमालय मंदिर , दिव्य संस्कृति का प्रदर्शनी & हरितिमा देवालय (मंदिर में दुर्लभ पौधों और औषधीय जड़ी-बूटियों का संग्रह) पर जाएं
एक साथ स्थित इन 3 अलग-अलग जगहों के सुंदर माहौल का आनंद लें। चारों ओर हरियाली, विशेष पौधों और फूलों का दुर्लभ संग्रह इसे शाम के पानी के फव्वारे के साथ बहुत खास बनाते हैं जो बच्चे पसंद करते हैं।5.माताजी के भोजनालय से भोजन प्रसाद प्राप्त करें