सत्र का उद्देश्य-
- मानव जीवन की गरिमा का ज्ञान।
- नारी के स्वयं के व्यक्तित्व का परिष्कार।
- नारी जागरण प्रयोजन, प्रयास एवं दिशाधारा की विवेचना।
- घर को देव परिवार बनाने की विधा।
- सभ्यता, शालीनता, सौम्यता, सौहार्द्र, सहकार, सुव्यवस्था का शिक्षण।
- सभ्यता, शालीनता, सौम्यता, सौहार्द्र, सहकार, सुव्यवस्था का शिक्षण।
- बालकों का भावनात्मक नवनिर्माण।
- पारिवारिक पंचशील ।।
- जीवन प्रबंधन।
- रचनात्मक गतिविधियों द्वारा सामाजिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन।
- स्वास्थ्य संवर्धन की विधा।
- गर्भोत्सव एक आन्दोलन।
- बाल संस्कार शालाओं का संचालन।
- स्वावलम्बन की विधा और तत्त्वदर्शन।
- समाज को सुसंस्कृत बनाने की विधा।
- विवाहोन्माद, नारी जीवन की समस्याएँ एवं उनका समाधान।
- महिला मण्डल गठन एवं उसे व्यावहारिक स्वरूप में कार्यान्वित करने की विधा।
सम्पर्क सूत्र- ९२५८३६०५०१, ९२५८३६०७०८
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