मूल्य प्रणाली और सामाजिक जीवन

 भारत की आध्यात्मिकता में ही भारतीय संस्कृति का निवास है यही भारतीयता है, इसीलिये ही भारतीय संस्कृति एकमात्र आध्यात्मिक, अति मानसिक- अतिबौद्धिक संस्कृति है। जिस प्रकार परमात्मा सृष्टि के सभी प्राणियों के कल्याण का विधान करता हुआ सृष्टि, रक्षा और संहार करता है-उसी भाँति भारतीय संस्कृति भी सदा सद्गुणों की सृष्टि, उनका संरक्षण एवं कल्याण विरोधी दुष्ट तत्वों के विनाश की व्यवस्था करती है। वस्तुतः यह मानवीय, विश्वव्यापी एवं सर्वलोक हितकारिणी संस्कृति है। जो इसका अपनी अज्ञानता के कारण विरोध करता है, उसका भी कल्याण करने की ही यह संस्कृति सोचती और मार्ग बताती है।


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